उत्तराखंड सरकार ने खनन से इस वर्ष रिकॉर्ड 1025 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। यह आंकड़ा राज्य के लिए अब तक का सबसे अधिक है, जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की सख्त नीतियों और निगरानी प्रणाली का सकारात्मक असर पड़ा है। खनन से जुर्माना वसूली में भी इस बार बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो अवैध खनन पर लगाम लगाने में कारगर साबित हो रही है।
खनन से रिकॉर्ड राजस्व: नीतियों का असर
उत्तराखंड में खनन गतिविधियों पर सख्ती और पारदर्शिता के चलते इस बार 1025 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया गया। यह आंकड़ा बीते वर्षों की तुलना में काफी अधिक है, जिससे राज्य सरकार की नीतियों की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। खनन नीति को पारदर्शी और सख्त बनाने के साथ-साथ ऑनलाइन मॉनिटरिंग और ई-नीलामी प्रक्रिया ने भी इस राजस्व वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है।
अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई, वसूला गया सबसे अधिक जुर्माना
इस बार अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए खनन विभाग और प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। इसके तहत राज्य भर में कई स्थानों पर छापेमारी कर अवैध खनन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया गया। आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अवैध खनन से सबसे अधिक जुर्माना वसूला गया, जिससे सरकारी खजाने को भी फायदा हुआ है।
ई-नीलामी से पारदर्शिता और बढ़ा राजस्व
खनन के क्षेत्र में ई-नीलामी प्रक्रिया को अपनाने से भ्रष्टाचार में कमी आई है और पारदर्शिता बढ़ी है। इससे खनन ठेकों के आवंटन में पारदर्शिता आई और राज्य सरकार को उचित मूल्य पर राजस्व प्राप्त हुआ। ई-नीलामी के जरिए अधिक प्रतिस्पर्धा होने से खनन से मिलने वाले राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
खनन राजस्व में वृद्धि
Uttarakhand में खनन से प्राप्त राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में 2.25 गुना वृद्धि हुई है। अधिकारियों ने बताया कि इस वृद्धि का मुख्य कारण नई नीतियों का कार्यान्वयन और तकनीकी निगरानी प्रणाली का उपयोग है। इस वर्ष खनन विभाग ने 1025 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 200 करोड़ रुपये अधिक है।
जुर्माना वसूली
इस दौरान, राज्य सरकार ने अवैध खनन और अन्य उल्लंघनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इस प्रक्रिया में 195 मामलों में कुल 1.07 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इसके अलावा, अन्य उल्लंघनों के लिए 40.81 लाख रुपये की राशि भी वसूली गई है। यह जुर्माना वसूली राज्य के खजाने को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
राजस्व वृद्धि से राज्य विकास को मिलेगी रफ्तार
खनन से प्राप्त रिकॉर्ड 1025 करोड़ रुपये का राजस्व राज्य के विकास कार्यों में अहम भूमिका निभाएगा। इस राशि का उपयोग सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में किया जाएगा।
भविष्य में और सख्त होगा खनन नियंत्रण
राज्य सरकार भविष्य में खनन नीति को और सख्त बनाने की योजना बना रही है, ताकि अवैध खनन पूरी तरह समाप्त हो सके और राजस्व में और वृद्धि हो। ई-नीलामी की प्रक्रिया को और व्यापक किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सरकारी खजाने को अधिक लाभ मिल सके।
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