उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा क्षेत्र में रविवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 18 अवैध मदरसों में से 14 को सील कर दिया। यह कदम राज्य सरकार के निर्देशानुसार उठाया गया, जिसमें अवैध और गैर-पंजीकृत शैक्षणिक संस्थानों पर सख्ती बरतने की बात कही गई थी। इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल की तैनाती की गई ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
कार्रवाई का कारण और प्रक्रिया
प्रशासन द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह पाया गया कि इन मदरसों का न तो उत्तराखंड मदरसा बोर्ड और न ही राज्य शिक्षा विभाग में पंजीकरण था। इसके अलावा, इन संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, जैसे स्वच्छता, सुरक्षा उपाय और उचित बैठने की व्यवस्था का अभाव पाया गया।
रविवार को यह अभियान दो चरणों में चलाया गया—पहला चरण सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दूसरा चरण दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक। हल्द्वानी के सिटी मजिस्ट्रेट ए.पी. वाजपेयी ने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह शांतिपूर्ण रही और किसी प्रकार की हिंसा की सूचना नहीं मिली।
पुलिस बल की तैनाती और सुरक्षा उपाय
पिछले साल फरवरी में इसी क्षेत्र में एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे। इस बार ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन ने पहले से ही भारी पुलिस बल तैनात किया था।
सरकार का रुख और आगे की योजना
उत्तराखंड सरकार अब तक राज्यभर में 140 से अधिक अवैध मदरसों पर कार्रवाई कर चुकी है और लगभग 6,000 एकड़ सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य को अवैध गतिविधियों से मुक्त करने के लिए यह अभियान जारी रहेगा।
निष्कर्ष
बनभूलपुरा क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रशासन का कहना है कि सभी शैक्षणिक संस्थानों को कानूनी मानकों का पालन करना होगा।