देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि चारधाम यात्रा की परंपराओं का पालन करना सभी श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा और यात्रा के दौरान रील बनाने पर रोक लगाई जाएगी। यह कदम यात्रा की पवित्रता और धार्मिक मर्यादा बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
धार्मिक मर्यादा और यात्रा की पवित्रता बनी रहे
चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण श्रद्धालु यात्रा के दौरान धार्मिक स्थलों पर रील और वीडियो बनाकर अपलोड करते हैं, जिससे धार्मिक वातावरण प्रभावित होता है। इसे रोकने के लिए धार्मिक स्थलों पर वीडियो और रील बनाने पर सख्ती से पाबंदी लगाई गई है।
परंपराओं का पालन अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा केवल पर्यटन का साधन नहीं है, बल्कि यह आस्था और श्रद्धा की यात्रा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे धार्मिक परंपराओं और नियमों का पालन करें और धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखें।
रील बनाने पर क्यों लगी रोक?
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कई श्रद्धालु धार्मिक स्थलों पर रील और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं, जिससे वहां की पवित्रता और शांति प्रभावित होती है। इससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है और यात्रा का मूल उद्देश्य भी कहीं न कहीं कमजोर होता है।
नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
यात्रा के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने इस संबंध में सीसीटीवी और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी तरह की अनुशासनहीनता पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश जारी
श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान मोबाइल कैमरा और अन्य डिवाइस का धार्मिक स्थलों पर दुरुपयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, सभी यात्रियों से आचरण और नियमों का पालन करने की अपील की गई है।
यात्रा के दौरान क्या करें और क्या न करें
- धार्मिक स्थलों पर रील और वीडियो न बनाएं।
- परंपराओं और मान्यताओं का सम्मान करें।
- प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- धार्मिक स्थलों पर अनुशासन और शांति बनाए रखें।