यूरोपीय संघ के प्रमुख और 27 आयुक्त भारत की यात्रा पर
भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन 27 फरवरी से 28 फरवरी तक भारत की यात्रा पर आ रही हैं, जिसमें यूरोपीय संघ के सभी 27 आयुक्त उनके साथ होंगे। यह पहली बार होगा जब यूरोपीय संघ के सभी आयुक्त एक साथ भारत की यात्रा करेंगे और यह यात्रा दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
यात्रा का महत्व
भारत-यूरोपीय संघ संबंधों में वृद्धि
भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंध 2004 से रणनीतिक साझेदारी के रूप में विकसित हुए हैं। इस यात्रा के दौरान, दोनों पक्ष व्यापार, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसके साथ 2023 में वस्तुओं का व्यापार €124 अरब का था, जो पिछले दशक में लगभग 90% बढ़ा है।
वार्ता के मुख्य बिंदु
-
व्यापार और प्रौद्योगिकी : दोनों पक्ष व्यापार और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (TEC) की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक भी इस दौरान होगी।
-
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) : हाल ही में पेरिस में आयोजित AI एक्शन समिट के बाद, AI और अन्य तकनीकी सहयोग पर चर्चा होने की संभावना है।
-
जलवायु परिवर्तन और डिजिटल कनेक्टिविटी : जलवायु परिवर्तन और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
इस यात्रा के दौरान, यूक्रेन संघर्ष और अमेरिका-रूस वार्ता जैसे भू-राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। यूरोपीय संघ के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी इस नए भू-राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण हो सकती है।
निष्कर्ष
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और 27 आयुक्तों की भारत यात्रा दोनों पक्षों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह यात्रा न केवल आर्थिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि भू-राजनीतिक स्तर पर भी दोनों पक्षों के बीच समन्वय को बढ़ाएगी।