उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ऋषिकेश और भानियावाला के बीच सड़क चौड़ीकरण के लिए प्रस्तावित 3300 पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। यह फैसला एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और हाथी गलियारे की सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है। इस निर्णय से न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकेगा, बल्कि यह हाथी गलियारे की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा।
हाईकोर्ट का फैसला
उत्तराखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि पेड़ों की कटाई को अगले आदेशों तक रोका जाता है। यह फैसला देहरादून निवासी रीनू पाल द्वारा दायर जनहित याचिका पर आधारित है। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च की तिथि निर्धारित की है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम
यह फैसला पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पेड़ों की कटाई से न केवल पर्यावरण प्रभावित होता है, बल्कि इससे जैव विविधता भी खतरे में पड़ती है। हाथी गलियारे की सुरक्षा भी इस फैसले से सुनिश्चित होगी, जो कि वन्यजीवों के लिए महत्वपूर्ण है।
सरकार की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड सरकार को इस फैसले से झटका लगा है, लेकिन यह पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक सकारात्मक कदम है। सरकार को अब इस परियोजना को पर्यावरण अनुकूल तरीके से आगे बढ़ाने के लिए वैकल्पिक योजनाएं बनानी होंगी।
निष्कर्ष
उत्तराखंड उच्च न्यायालय का यह फैसला पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय न केवल पेड़ों को बचाएगा, बल्कि हाथी गलियारे की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका पर्यावरण के मुद्दों पर कितनी संवेदनशील है और इसके लिए आवश्यक कदम उठा रही है।