उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की घोषणा की है। उनकी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत, सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए प्रभावी उपाय किए हैं और राज्य को अतिक्रमण मुक्त बनाने का संकल्प लिया है।
भ्रष्टाचार पर सख्ती
मुख्यमंत्री धामी ने जनता की शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर 1064 जारी किया है, जिससे सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज की जा सके। उन्होंने कहा कि ‘देवभूमि उत्तराखंड’ को अपराध और भ्रष्टाचार से मुक्त करना सभी नागरिकों की नैतिक जिम्मेदारी है। राज्य में नकल माफिया पर कड़ी कार्रवाई करते हुए, सरकार ने देश का सबसे कठोर एंटी-चीटिंग कानून लागू किया है, जिसमें दोषियों को उम्रकैद और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।
अतिक्रमण और अवैध कब्जों पर कार्रवाई
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अवैध कब्जों को हटाने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी जिला मजिस्ट्रेट को बिना किसी राजनीतिक या सामाजिक दबाव के अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 71% क्षेत्र वन भूमि है, जहां अधिकतर अवैध कब्जे हुए हैं। सरकार ने इन कब्जों को हटाने के लिए कठोर भूमि कानून लागू करने की प्रतिबद्धता जताई है।
भूमि सुधार और नवाचार
सरकार ने हाल ही में भूमि सुधार कानून पारित किया, जो राज्य को नवाचार की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह कानून वास्तविक निवेशकों और भूमि माफियाओं के बीच अंतर स्पष्ट करेगा। उन्होंने कहा कि यह कानून न केवल राज्य के संसाधनों की रक्षा करेगा बल्कि औद्योगिकीकरण को भी बढ़ावा देगा।
जनता की भागीदारी
मुख्यमंत्री धामी ने जनता, जनप्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों से अपील की कि वे भ्रष्टाचार और अतिक्रमण को खत्म करने में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यह नया उत्तराखंड किसी भी प्रकार के अवैध कार्यों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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